दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Thursday, June 14, 2007

हमारी मुठभेड़


कितने अकेले तुम रह सकते हो
अपने जैसे कितनों को खोज सकते हो तुम
अपने जैसे कितनों को बना सकते हो
हम एक ग़रीब देश के रहनेवाले हैं इसलिये
हमारी मुठ्भेड हर वक़्त रहती है ताक़त से
देश के ग़रीब होने का मतलब है
अकड और अश्लीलता का हर वक़्त हमपर हमला.


रघुवीर सहाय

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