क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
कुछ गीत तो दुनिया की खातिर,सुर ताल पे गाये जाते है,कुछ गीत मगर तन्हायी मेंखुद को भी सुनाये जाते हैं
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कुछ गीत तो दुनिया की खातिर,
सुर ताल पे गाये जाते है,
कुछ गीत मगर तन्हायी में
खुद को भी सुनाये जाते हैं
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