टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Tuesday, June 12, 2007
सोहरावत हउवा ?
लोकप्रिय बिरहा गायक की याद में.
नीचे पढें.
1 comment:
Anonymous said...
कबारत हई । लिखलका ओरा गईल ? जोहल जाई ।
June 12, 2007 at 12:55 PM
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कबारत हई । लिखलका ओरा गईल ? जोहल जाई ।
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