अगर हम चीज़ों को उनके असली नाम से पुकार सकते होते तो देशप्रेम को हम युद्धोन्माद पुकारते, देश पर शहीद हो गये को हम कहते मासूम युवकों को बलि चढाया जा रहा है, अख़बार लिखता कि अमुक ने कथित रूप से हत्या की, तो हम पढते अमुक को बचाया जा रहा है
to kya hua? all history of mankind is history of wars. this yudhdhonmad is essential for survival of a race!! otherwise see the miserable plight of Tibbetans.there was none more peace loving than them and c there status today.
3 comments:
देशप्रेम शब्द ही मानवता के विपरीत है. दरअसल अपने देश, प्रान्त या भाषा को बड़ा या प्यारा कहने के पीछे हमारा खुद अपने को बड़ा कहने की चाह ही है.
देश प्रेम युद्धोन्माद है तो देशप्रेमी युद्धोन्मदी हुए. शहीद देशप्रेमी होते हिअ. यानी शहीद युद्धोन्मादी होते है, ऐसे में वे मासूम कैसे हुए?
to kya hua? all history of mankind is history of wars. this yudhdhonmad is essential for survival of a race!! otherwise see the miserable plight of Tibbetans.there was none more peace loving than them and c there status today.
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