दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Wednesday, August 1, 2007

माइकलएंजेलो अंतोनियोनी




इमरजेंसी के दौरान वो यहां कोई फ़िल्म बनाने के लिये बुलाये गये थे. जब हफ़्तों की फटीक के बाद वो अपने साज़-ओ-सामान के साथ वापस इटली जाने लगे तो बम्बई एयरपोर्ट पर उनसे सामान खुलवाकर देखा जाने लगा. ग़ुस्से में वो आपे से बाहर हो गये, उन्होंने सारी एक्स्पोज़्ड फिल्में खोलखालकर बरबाद कर दीं और जैसे आये थे वैसे वापस चले गये.
ब्लो अप और लावेंचुरा जैसी ग्रेट फिल्मों के निर्देशक माइकलएंजेलो एंतोनिओनी परसों रोम के अपने घर मे 94 साल की उमर में मर गये.
हमारी संवेदना के तारों मे नई झंकार भरने वाली उनकी और उनके साथियों की फ़िल्मों की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी.
उन्हें हमारी श्रद्धांजलि.
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मशहूर पेंटर एमएफ़ हुसेन ने अपनी ऑडियो ऑटोबायोग्राफ़ी में इतालवी फ़िल्मों को कुछ इस तरह(नीचे)याद किया है.
एक इटालियन ऑपेरा नाम का यह एनेक्डोटल मेमोएर "सुनो एमएफ़ हुसेन की कहानी" के पांचवें वॉल्यूम में छ्ठवां ट्रैक है. इसमें शुरू में आवाज़ अपर्णा घोषाल की है और नरेट कर रहे हैं मुनीश.यह मेरी दुकान रेडियो रेड की निर्मिति है.






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यहां जो कुछ आप सुन पाएंगे या न सुन पाएंगे वह मेरा पहला पॉडकास्ट है और इसका सारा श्रेय भाई अभय को जाता है. कल अगर मैं उनकी दिखाई राह पर चल सका तो शायद आप मेरे आर्काइव से कुछ दिलचस्प पॉडकास्टिंग सुन सकेंगे.

3 comments:

विजेंद्र एस विज said...

कोटि कोटि धन्यवाद....इसे कैसे कहाँ और कैसे पूरा सुना जा सकता है..इरफान साहब..एक के बाद एक सारे ट्रैक सुनवा दीजिये बडी कृपा होगी...

Reyaz-ul-haque said...

han bhai. sab sunanaa chahenge.

नितिन नाम है said...

क्या बात है..!!
तो आखिर आपको अपलोड करना आ ही गया...
मुझे भी बता दीजियेगा.