Monday, August 27, 2007
सुनिये उदय प्रकाश की कविताएं
उदय प्रकाश 1952 में मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले के सीतापुर गांव में पैदा हुए. वे सायंस ग्रेजुएट हैं और हिंदी साहित्य में पीजी. उन्हें अध्यापन, प्रशासन, पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों में काम करने का लंबा अनुभव है. आजकल वे फ़िल्म निर्माण में व्यस्त हैं.
कविताओं और कहानियो की दुनियां में उन्हें समान प्रतिष्ठा हासिल है.
सुनो कारीगर, अबूतर कबूतर, रात में हारमोनियम आदि उनके काव्य संग्रह हैं और दरियाई घोड़ा, तिरिछ, और अंत में प्रार्थना, पॊल गोमरा का स्कूटर, पीली छतरीवाली लड़की आदि उनके कहानी संग्रह हैं. कविता और कहानी से अलग भी उनकी कई किताबें है. भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर विश्व के अन्य हिस्सों में भी उनकी रचनाएं अनूदित होकर पहुच रही हैं और सराही जा रही हैं.वे अनेक महत्वपूर्ण सम्मानों से भी नवाज़े जा चुके हैं
मुझे उनकी दो कहानियां बहुत पसंद हैं. एक है- तिरिछ और दूसरी है छप्पन तोले का करधन.
पिछले साल की गर्मियों में उदयजी अपने घर पर ही मुझे अपनी बहुत सी कविताएं सुनाने को खुशी-ख़ुशी राज़ी हो गये. आप भी सुनिये.
औरतें
गांधीजी
बिरजित ख़ान
दीदी
दो हाथियों की लड़ाई
दुआ
घर
हम हैं ताना हम हैं बाना
इमारत
जहांपनाह
नोट: अभी कुछ और कविताएं पोस्ट कर ही रहा था कि लाइट चली गई. खेद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
लाईट आते ही जारी हो जाईये, इन्तजार कर रहे हैं.
naye player lagaiye..ki suntye bane ye links
Post a Comment