और मैं ने हमेशा सोचा:
सबसे सादा शब्द ही काफ़ी रहेंगे
जब मैं बतलाता हूं कि चीज़ें कैसी हैं तो
हर एक का दिल छलनी-छलनी हो जाता होगा.
यह कि अगर तुम अपने वास्ते
ख़ुद खड़े न हुए तो
गिर जाओगे
बेशक यह तो तुम देखते ही होगे.
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बर्तोल्त ब्रेख़्त
1 comment:
आभार इस प्रस्तुति का.
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