दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, September 4, 2007

मेरी पसंद के गीत- दो


ये है 1966 की फ़िल्म आख़िरी खत का गीत. आवाज़ भूपिंदर की है और गीत कैफ़ी आज़मी का. संगीत ख़ैयाम का है. मेरी पसंद श्रृंखला की दूसरी कड़ी.






3 comments:

VIMAL VERMA said...

मेरी पसन्द का गीत शुरू से रहा है, आपने फिर से पुरानी यादॊं को ताज़ा कर दिया शुक्रिया..

Yunus Khan said...

इरफान भाई
ये मेरी पसंद का गीत भी है । इस गाने पर तलत मेहमूद की हल्‍की सी छाप समझ में आती है ।
अफसोस के आखिरी खत के बाकी गानों ने इसे मार डाला ।

पारुल "पुखराज" said...

आखिरी खत के सभी गाने बेहतरीन है……इस पोस्ट के लिये बहुत शुक्रिया इरफ़ान जी।