दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Thursday, September 6, 2007

मेरी पसंद के गीत- तीन

यूं तो येसुदास ने कुछ बहुत ही दिलकश गाने गाये हैं लेकिन 1998 की फ़िल्म स्वामी विवेकानंद में उनके गाये इस गीत की मेरे मन में अलग ही जगह है. इसमें एक दुर्लभ वीतराग मौजूद है.










संगीत: सलिल चौधरी ----------------- गीत: गुलज़ार

3 comments:

Reyaz-ul-haque said...

बाह बाह बाह

खूब. आजकल बहुते रंग में हैं उस्ताद.

Unknown said...

पसन्द अपनी- अपनी । पर गाने अच्छे

Unknown said...

पसन्द अपनी- अपनी । पर गाने अच्छे