दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, August 14, 2007

मैं कित्ती बार बोलना

इस फ़ोटो को लेकर अपनी जिग्यासा के लिये यहां जाएं.
फ़िल्म मंडी में शबाना आज़मी को सुनिये.

यह मेरा ख़ुद का पहला podcast है.मित्र अभय और श्रीशभाई के सहयोग के बिना यह संभव न था.







5 comments:

Udan Tashtari said...

वाह, मजा आ गया सुन के-मैं कित्ती बार बोलणा..

-सफल रही प्रथम और बेहतरीन पॉडकास्ट.

बधाई. अब और लाईये.

Sanjay Tiwari said...

क्या बात है. तबियत हरी हो गयी. कितनी? यह तो टिप्पणी के स्वभाव से आपको अंदाज लग गया होगा.

mamta said...

लाजवाब!!

अनूप शुक्ल said...

बहुत खूब! बधाई!

Anonymous said...

भाई आप अकसर अपने shows में फ़िल्म "थोड़ा सा रूमानी हो जायें" और "आगमन" के गाने बजाते हैं, कभी उन्हें भी ले आइये.
तरुण