यह हमारे लिये चुनौती है
इतिहास के पन्नों में दर्ज किसी भी
चुनौती को मुंह चिढाती
ये यूनीपोलर गुंडे का बढा हुआ लालच है जिसे
पाने की चाह में उछल रहे हैं
हमारे भाग्य विधाता
यह हमारे विकास के लिये ज़रूरी थैली है
अखबार हमें बताते हैं
गलियों में धूल उड़ाते इम्पोर्टेड सामानों से
लदे ट्रक अब आम हो रहे हैं
और कल तक नैतिकता की दुहाई देनेवाले
बड़ी ललचाई नज़रों से इस
लालची बूढे को देख रहे हैं
हम जो तेज़ रफ़्तार गाडियों की चपेट में आने से बच पाए
एक दूसरे का हाथ थामें सड़कें पार कर रहे हैं
सहमे चूहों जैसे हमारे नन्हें चेहरे कोई भी देखना नहीं चाहता
लेकिन युद्ध की इस चुनौती को हमने अपने तकियों के नीचे
सुना है
इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हैं ऐसी चुनौतियां
और हमें किसी योद्धा से मदद भी नहीं चाहिये
हमारे पहाड़ हैं और सूर्य हमारे नथुनों में करोड़ों वर्षों की
सुगन्धियां भर रहा है
पर्वतों को हमने पुतलियों पर सजाया है
और समुद्र हमारे छोटे सीनों पर गरज कर हमें
वाष्पित करता है
हमने समुद्र को मल लिया है अपने चेहरे पर
और चले आये हैं
इस चुनौती से लोहा लेने.
II इरफ़ान, मद्रास, सितम्बर, 1992 II
इतिहास के पन्नों में दर्ज किसी भी
चुनौती को मुंह चिढाती
ये यूनीपोलर गुंडे का बढा हुआ लालच है जिसे
पाने की चाह में उछल रहे हैं
हमारे भाग्य विधाता
यह हमारे विकास के लिये ज़रूरी थैली है
अखबार हमें बताते हैं
गलियों में धूल उड़ाते इम्पोर्टेड सामानों से
लदे ट्रक अब आम हो रहे हैं
और कल तक नैतिकता की दुहाई देनेवाले
बड़ी ललचाई नज़रों से इस
लालची बूढे को देख रहे हैं
हम जो तेज़ रफ़्तार गाडियों की चपेट में आने से बच पाए
एक दूसरे का हाथ थामें सड़कें पार कर रहे हैं
सहमे चूहों जैसे हमारे नन्हें चेहरे कोई भी देखना नहीं चाहता
लेकिन युद्ध की इस चुनौती को हमने अपने तकियों के नीचे
सुना है
इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हैं ऐसी चुनौतियां
और हमें किसी योद्धा से मदद भी नहीं चाहिये
हमारे पहाड़ हैं और सूर्य हमारे नथुनों में करोड़ों वर्षों की
सुगन्धियां भर रहा है
पर्वतों को हमने पुतलियों पर सजाया है
और समुद्र हमारे छोटे सीनों पर गरज कर हमें
वाष्पित करता है
हमने समुद्र को मल लिया है अपने चेहरे पर
और चले आये हैं
इस चुनौती से लोहा लेने.
II इरफ़ान, मद्रास, सितम्बर, 1992 II
2 comments:
यूनीपोलर गुंडा :-)
बहुत सशक्त
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