दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, January 28, 2014

वह हमारी मां है

वह हमारी मां है
सदा हम पर रहती हैं उसकी आंखें
माफ़ भी कर देती है कभी वह हमको

आओ बच्चों!
हम चढ जाते हैं उसकी गोद में
धनवान नहीं हैं हम
उसका देखना ही हमारी एकमात्र रोटी है
उसका अकेलापन हमारी एकमात्र छत है

आओ बच्चों
क्रूस के दिन हम जला देंगे- कविताएं
रात के खाने के वक़्त
जला देंगे युद्ध को बिना दियासलाई के.


II शौकी अबि शकरा (लेबनान) II

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