हिंदुस्तानी साज़ों के रंग निराले हैं. ये है नक्कारा, जो उत्तर भारतीय लोक संगीत का अभिन्न हिस्सा है. मांगलिक अवसरों के अलावा यह अनेक अनुष्ठानों में बजता सुनाई देता है. नौटंकी और पारंपरिक संगीत आयोजनों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. मौसम की नज़ाकत और सटीक धुनों की तलाश में इसे आग जलाकर गर्म करते हुए आपने कभी ज़रूर देखा होगा.
सुनिये कि यह कैसा सुनाई देता है-
फ़ोटो: बीट ऑफ़ इंडिया से साभार
2 comments:
इरफ़ान भैया यह जानकारी आप विकिपीडिया पर ज़रूर डाल दो। आज की दुनिया में भी हज़ारों लोग ऐसे हैं जिन्होंने न इसे देखा है न सुना है। आगे चलकर यह और भी दुर्लभ हो जाए उसके पहले इसका संरक्षण ज़रूरी है।
पूर्णिमा जी, मैं यहाँ पर इस सीरीज़ को आगे बढाते हुए लगभग सभी हिंदुस्तानी साज़ों का परिचय जारी करने की इच्छा रखता हूँ. अगर समय और हालात साथ रहे तो आप एक अभूतपूर्व अनुभव से दो चार होंगी. धन्यवाद.
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