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हसीन नाम का यह लिसनर कहाँ का है और क्या करता है, यह कभी पता नहीं चल सका लेकिन उसके ख़त मुझे हमेशा हँसाते हैं। पिछले साल उसका एक लिफ़ाफा आया जिसमें ख़त पेज नम्बर नौ से शुरू हो रहा था। मैं अभी तक राह देख रहा था कि पेज एक से आठ तक वाला उसका लिफ़ाफ़ा आए तो बात का सिरा पकड में आए लेकिन इस लम्बे इंतज़ार के बाद लगता है कि वह पहला लिफ़ाफ़ा डाक में कहीं गुम हो गया है इसलिये वही पत्र यहाँ जारी करता हूँ-
...मक्खियाँ उसके जिस्म में डंक मारें। जब हज़ारों मधुमक्खियाँ उसके जिस्म में डंक मारेंगी तो उसका जिस्म पूरी तरह सूज जाएगा तब वो मर जाएगा। और अगर वो तब भी न मरा तो 24 घंटों बाद उसे पीट-पीटकर लात घूसों से और लाठियों से जान से मार दिया जाएगा। और जंगलियोंवाले निज़ाम के लड़के गुड्डू (ज़ुबेर) को मेरे बताए तरीक़े से जान से मार/मरवा दिया जाए और गुड्डू (ज़ुबेर) के साथ जो गोरा लड़का था, जो गुंजन (आरज़ू) के पीछे लगा था उसे पाने के लिये वो गुड्डू(ज़ुबेर) की ख़ाला का लडका था या उसके ताऊ का या चाचा का लडका था, वो जो कोई भी था, उसे भी मेरे बताए तरीक़े से जान से मार-मरवा दिया जाए।
(7) हमारे कारीगर शाहिद के भैया साजिद को भी मेरे बताए तरीक़े से जान से मार-मरवा दिया जाए और शाहिद हमेशा के लिये हमारे कारख़ाने से चला जाए। फिर वो कहीं भी करे, हमारे यहाँ काम न करे.
(8) नवाब के लडके हसीब को मेरे बताए तरीक़े से जान से मार-मरवा दिया जाए।
(9) इमली के लडके फ़ुरक़ान (रोबिन) को भी मेरे बताए तरीक़े से जान से मार-मरवा दिया जाए। रोबिन को उसके दिमाग़ में गोली मार/मरवा कर जान से मारा जाएगा.
(10) फ़ुरक़ान, अनस और रूमान को भी जान से मारा जाएगा। मेरे तरीक़ों से रूमान को एक आसान मौत मिलेगी। उसे फाँसी पर लटकाकर मारा/मरवाया जाएगा. लेकिन फ़ुरक़ान और अनस दोनों को ख़तरनाक मौत मिलेगी. फ़ुरक़ान को बस या ट्रक के पहिये के नीचे कुचलवा कर मारा जाएगा. फ़ुरक़ान की बीवी शगुफ़्ता को भी जान से मारा/मरवाया जाएगा. और उसे इसी तरह यानी बस या ट्रक के पहिये के नीचे कुचलवा कर मारा मरवाया जाएगा. और अनस को एक ऊँची बिल्डिंग से गिराकर मारा/मरवाया जाएगा.
(11) नाज़रीन को भी मारा/मरवया जाएगा, मेरे तरीक़े से नहीं, उसे ज़िंदा छोडा जाएगा।
(12) नाज़रीन के मियाँ को जान से मारा-मरवाया जाएगा, मेरे तरीक़े से और नाज़रीन के मियाँ से नदीम के चाचा के उस लडके को भी मेरे तरीक़े से जान से मारा/मरवाया जाएगा जो नदीम के साथ हमारे घर हापुड आया था।
नाज़रीन ज़िंदगी भर उस हालत में रहेगी जिस हालत में रेहान के बच्चे रहेंगे, रूमान को छोडकर, क्योंकि उसे तो जान से मार/मरवा दिया जाएगा। और ये बात मैं बता चुका हूँ कि रेहान के बच्चे (रूमान को छोडकर) किस हालत में रहेंगे। रेहान के बच्चों के साथ वैसा होगा जैसा मैने कहा था. और अब मैं ये कह रहा हूँ कि रेहान की बाक़ी लडकियाँ जीवन भर कुँवारी रहेंगी उनकी शादी नहीं होगी.
(13) रेहान की बीवी को भी जान से मार/मरवा दिया जाएगा, मेरे तरीक़े से। और रेहान की बीवी को जान से मारने मरवाने का तरीक़ा ये है कि रेहान की बीवी को ज़हर देकर मारा/मरवाया जाएगा.
(14) नेहा के बाप को भी मेरे तरीक़े से जान से मारा/मरवाया जाएगा। और नेहा के बाप को जान से मारने/मरवाने का तरीक़ा ये होगा कि ख़ुद नेहा अपने बाप को गोली मारेगी. जीहाँ नेहा ख़ुद अपने बाप के सीने में गोली मारेगी और उसे ऐसा करना होगा.
(15) ज़ुबेदा की लडकी निशा को जान से नहीं मारा/मरवाया जाएगा लेकिन कलुवा भाई का लडका नवेद मरेगा। नवेद को फाँसी लगाकर पंखे से लटकाकर मारा जाएगा.
लेकिन चूँकि ज़ुबेदा ने मेरे ख़िलाफ़ काम किये/करवाए और करने/करवाने की कोशिश की इसलिये ज़ुबेदा मरेगी। ज़ुबेदा अक्सर बीमारी की शिकायत करती है कि वो बीमार रहती है, इसलिये वो अपनी ही किसी बीमारी से पीडित होकर 24 घंटे के अंदर मरेगी। यानी जब उसे मरना होगा तो उसे कोई भयंकर बीमारी हो जाएगी और उसी बीमारी से वो चौबीस घंटे के भीतर मर जाएगी। उसकी औलादों की ज़िंदगियाँ उसी तरह रहेंगी जैसे कि रेहान की औलादें(रूमान को छोडकर) और नाज़रीन की रहेंगी. यानी कि भिखारियों की तरह. उन्हें कभी जीवन में भरपेट खाना नहीं मिलेगा. हर चौबीस घंटे में सिर्फ़ एक बार खाना खाने को मिलेगा, वो भी भरपेट खाने को न मिलेगा, खाना उनकी पसंद का न होगा और अच्छा न होगा.
फ़ुरक़ान के बच्चे भी इसी हालत में रहेंगे जिस हालत में ज़ुबेदा और रेहान के बच्चे रहेंगे और जिस हालत में नाज़रीन रहेगी।
(16) रियाज़ का लडका चीकू मरेगा। उसको ज़हर देकर मारा जाएगा.
(17) अर्जुन पहाडी को भी जान से मारा जाएगा। उसको जान से मारने/मरवाने का तरीक़ा ये है कि पहले उसकी दोनों आँखें फोडी जाएंगी क्योंकि उन्हीं आँखों से उसने आरज़ू (गुंजन) को देखा था, फिर उसकी गरदन काट दी जाए और उसके जिस्म के चार टुकडे कर दिये जाएँ।
(18) अक़ील और मेरी बहन साजिदा दोनों बहुत हरामी निकले। दोनों ही ख़राब हैं इसलिये दोनों को ही अल्ला को प्यारा हो जाना चाहिये। अक़ील को गर्म उबलते (खौलते) हुए पानी में डालकर मारा जाए। साजिदा को ज़हर देकर/खिलाकर मारा जाए.
(19) साजो लडके इमरान को कुत्ते की मौत मारा जाएगा। उसे काटकर सडक पर फेंक दिया जाए जहाँ कुत्ते उसके कटे हुए अंग खाएँगे.
(20) क़ारी साहब का लडका, जो हमारे मोहल्ले की मस्जिद में नमाज़ पढाता है, उसे जान से नहीं मारा/मरवाया जाएगा लेकिन जैसा बरताव उसने मेरे साथ किया, जिस तरह वो मेरे ख़िलाफ़ हुआ और जैसा वो आदमी है, इन सब बातों को देखते हुए उसे सज़ा मिलेगी और सज़ा ये है कि वो किसी लायक़ भी न रहे। उसने जो क़ुरान याद किया है वो उसे भूल जाए, उसने जो अब तक इल्म हासिल किया है, वो उस सारे इल्म को भूल जाए, वो अपनी सारी तालीम को भूल जाए, उसे कुछ भी याद न रहे। क़ारी साहब का लडका कभी भी मेरी नज़रों में अच्छा नहीं था और न ही अब है. वो अच्छा आदमी नहीं है.
(21) मैं ग़ज़ाला से शादी नहीं करूँगा और न ही करना चाहता हूँ। मैं आज इस बात का ऐलान कर रहा हूँ कि......
(जारी है)
नोट: प्रस्तुत ब्लॉगर दिल्ली में एफ़एम रेडियो जॉकी है। वह श्रोताओं के पत्रों की एक बानगी यहाँ भी जारी कर चुका है.
7 comments:
He is so generous with death.... Hasin must have been a Mughal king in previous janm.....
हा हा हा ही ही ही हो हो हो ..........ह ह ह हा ह्ह्ह्ह्ह्ह हह्ह ...पेट मे दर्द.............
दानिश की बात में दम है भाई!
थोड़े से राही मासूम रज़ा, थोडी इस्मत आपा, थोड़े कृश्न चंदर, थोड़े मंटो, थोड़े कुर्रतुल ऐन हैदर, और थोड़ा बहुत ये वो = हसीन ।
हे हे हे हे हे हा हा हा हा हा ।
आज की रेसिपी तो हो हा हा । हे हे हे
nahin saab ye andaaz mughal nahi Mangol hai , Changezi hai !!
हसीन मियाँ की मारन कला लाजवाब है..दूसरी पोस्ट का भी इंतज़ार है..
इसे कल से चार बार पढ चुके हैं ....बहुत ही मज़ेदार खत लिखा है हसीना ने ....कैसी कैसी और जाने कितनों के लिए मन में जलन और कुण्ठायँ भरी पड़ी हैं ....चलो पत्र के माध्यम से विरेचन हो जाएगा ..
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