दिल्ली के पंचशील कमर्शियल सेंटर में यूटीवी का डबिंग डिवीज़न है जहाँ नेशनल ज्योग्रफिक चैनेल, द हिस्ट्री चैनेल, हंगामा, बिंदास वग़ैरह चैनलों के लिये विदेशी भाषाओं से हिंदी में डबिंग होती है. काम जब तक मज़ेदार लगता है, यार लोग मज़े लेकर काम करते हैं और जब चटने लगते हैं तो बाहर ऐसी महफिलें जम उठती हैं. अब ये महफिलें रेयर हैं वरना डबिंग डायरेक्टर, साउंड इंजीनियर और वॉयस ओवर आर्टिस्ट्स समेत मैनेजर और दूसरे विभागों के लोग भी शामिल हो जाया करते थे. तीन साल पुरानी ये रिकॉर्डिंग ऐसी ही एक शाम की झलक देती है. तब राजदीप भी थे.
kya baat hai irfan bhai....wo time yaad aagay.....hamesha beeta waqt achha he hota hai....depends aap dekh kaha se rahey ho....ye bakwaasline thi..mujhey pata hai.
mast aur jhakas time pass ... delhi me artiston ki masheeni zindagi se churaey gaye kuch khubsurat pal bohat pasand aaye. meri khud bhi kafi yaden taaza ho gayin. thnx .... Raza
10 comments:
ha ha ha...badhiyaa hai..
मित्र उस स्टूडियो में हमारे शहर के शैलू, संजीव और संजीत काम कर चुके हैं । उनके साथ यहां हमने इसी तरह की महफिलें सजाई हैं बंबई में ।
अच्छी लगती है पुरानी बातें.
kya baat hai irfan bhai....wo time yaad aagay.....hamesha beeta waqt achha he hota hai....depends aap dekh kaha se rahey ho....ye bakwaasline thi..mujhey pata hai.
@ Paint: राजदीपजी आप अगर इसी तरह मनोबल बढाते रहे तो मैं समझूँगा कि आप असली राजदीप नहीं हैं.
महफिल में आ कर अच्छा लगा।
अच्छा लगा इस महफिल की रिकार्डिंग सुन कर
:) मस्ती भरी महफिल में आना अच्छा लगा...
mast aur jhakas time pass ... delhi me artiston ki masheeni zindagi se churaey gaye kuch khubsurat pal bohat pasand aaye. meri khud bhi kafi yaden taaza ho gayin. thnx .... Raza
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