दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Saturday, May 26, 2007

कतरनें भी कुछ कहती हैं !

कहते हैं कि जब ढूंढो तो वो चीज़ वहां नहीं मिलती जहां उम्मीद होती है. साल दर साल सहेजी चीज़ों का शायद ये एक व्यवस्थित रैक साबित हो.

रामवृक्ष बेनीपुरी


राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह


सुमित्रानन्दन पंत



बनारसी दास चतुर्वेदी



शिवपूजन सहाय



वासुदेव शरण अग्रवाल




देविका रानी




भिखारी ठाकुर



अब्दुर्रब चऊश और रज़िया बानो




हबीब पेंटर



मंडी




शकीला बानो भोपाली-ईपी कवर



तीसरा पत्थर




उसने कहा था



यूसुफ़ आज़ाद और रशीदा खातून

3 comments:

Sanjeet Tripathi said...

बहुत खूब!!
इन फोटोग्राफ़्स को यहां उपलब्ध करवा कर आपने सच में काबिले तारीफ़ कार्य किया है।
शुक्रिया, शुक्रिया!

मसिजीवी said...

वाह
इरफान स्‍वागत है आपका।
इस धरोहर को संजोने के लिए ब्‍लॉग से बेहतर कोई जगह नहीं।

विजेंद्र एस विज said...

वाह...गजब..बडी ही दुर्लभ चीजे है..गजब के स्केचेज और ग्रामोफोन रिकार्ड के कवर..तब तो प. निरंजन देव शर्मा का भी वह रिकार्ड भी होगा..मुझे अभी भी याद है..उनका "अंगद सम्वाद" जिसकी लाइने थी.."ए बालक तू कौन है क्या है तेरा नाम..आया क्यूँ दरबार मे..क्या है मुझसे काम...महारज मै बाली पुत्र अंगद वानर सेना का नायक हूँ...