Sunday, May 27, 2007
गुज़रा हुआ ज़माना, आता नहीं दुबारा- दो
मुझे उम्मीद नहीं थी कि जिन तस्वीरों कों सहेजने के लिये मैं एक रैक बना रहा हूं वो भी कुछ काम का निकलेगा.गुज़रा हुआ ज़माना,आता नहीं दुबारा- एक पर यूनुस भाई ने जो राय ज़ाहिर की है वह एक इंडेपेंडेंट पोस्ट की हक़दार है, यहां हम उनकी राय इस मंशा से भी पेश कर रहे हैं कि फिल्मी गानों के कुछ और भी क़द्रदान हमारी दिलचस्पियों में हमराह बनें.
वादे के मुताबिक़ कुछ और बिखरी तस्वीरें देखिये. इरफ़ान्
बहुत बढिया । मज़ा आ गया । अगर आप थोड़ा थोड़ा इन सबके बारे में लिखते तो मज़ा आता । उत्पला सेन न्यू थियेटर वाली गायिका हैं शायद सहगल के साथ माई सिस्टरम में इन्होंने गाने गाये थे । जहां तक मुझे याद आता है सुरिंदर कौर ने पुरानी एकदम पुरानी शहीद में कुछ गीत गाये थे । जैसे बदनाम ना हो जाये मुहब्बत का फसाना । जी0 एम0 दुर्रानी साहब पुराने जमाने के गायक रहे हैं । गायिका शमशाद बेगम के बारे में क्या कहें । बस ये बता दूं कि वे आज भी जीवित हैं, बहुसंख्यक वर्ग ये मानता है कि वे नहीं रहीं । वे मुंबई के पवई इलाक़े में अपनी बेटी के साथ हैं । विविध भारती ने दो साल पहले उन्हें खोज कर उनका साक्षात्कार लिया था । एस0डी0बातिश अब नहीं रहे । वे अमरीका में रहते थे । नेट पर उनकी कई रिकॉर्डिंग उपलब्ध हैं । ज्यादा जानकारी के लिए यहां जाऐं । http://batish.com/sd/introduction.html
उनकी आवाज़ आप सब ने बरसात की रात की क़व्वाली ये इश्क इश्क में सुनी होगी । सरस्वती देवी भारत की पहली महिला संगीतकार रही हैं । मैंने उन पर आज के फनकार कार्यक्रम प्रस्तुत किया था । बॉम्बे टॉकीज़ की कई फिल्मों में उनका संगीत रहा है । कंगन, बंधन, झूला जैसी फिल्में जिनमें दादा मुनी ने काम किया था । राजकुमारी का पूरा नाम था राजकुमारी दुबे । इन की आवाज़ का फिल्म बावरे नैन का वो गीत आप सबको याद होगा—‘सुन बैरी बलम सच बोल रे इब क्या होगा’ । राजकुमारी ज़ी टीवी के कार्यक्रम सारे गा मा में कई साल पहले दिखाई दी थीं । जल्दी ही मैं इनके गीतों के बारे में अपने चिट्ठे रेडियोवाणी पर एक पोस्ट लिखूंगा । गुलाम हैदर वो संगीतकार हैं जिन्होंने 1948 में फिल्म मजबूर में लता जी को शुरूआती मौक़ा दिया था । पंकज मलिक के बारे में तो सभी जानते हैं वे गायक और संगीतकार थे । हिंदी फिल्मों में संगीतकारों की पहली जोड़ी थी खेमचंद प्रकाश की । कमाल अमरोहवी की फिल्म महल में उन्होंने लता जी से आयेगा आने वाला जैसा नामी गीत गवाया थ । कमलदास गुप्ता एक लोकप्रिय बंगाली संगीतकार, कुछ फिल्मों में संगीत दिया । उन्होंने कई मशहूर गैर फिल्मी गीत बनाए हैं । तलत महमूद का गीत याद कीजिये ‘तस्वीर तेरी दिल मेरा बहला ना सकेगी’ । जगजीत कौर संगीतकार खैयाम की पत्नी और मशहूर गायिका । इनका शगुन फिल्म का गीत ‘तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो’ अनमोल धरोहर है । मलिका ऐ तरन्नुम नूरजहां गायकी का एक अनमोल सितारा रही हैं।
यूनुस
बैठे हुए बाएं से दाएं: वी.बलसारा, सरस्वती देवी, सी.रामचन्द्र, अनिल बिस्वास, नौशाद, लता, मदन मोहन
खडे हुए बाएं से दाएं: जयकिशन, पं.गोविन्दराम, हंसराज बहल, रोशन, मो.शफ़ी, हेमंत कुमार और ग़ुलाम मोहम्मद्
शांता आप्टे
अमीरबाई कर्नाटकी
आशा भोंसले
गीता दत्त
हेमंत कुमार
कुंदन लाल सहगल
कानन देवी
ख़ुर्शीद
किशोर कुमार
लीला चिटणीस
मन्ना डे
पंकज मलिक
राजकुमारी
सुरैया
सुरेंद्र
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5 comments:
अद्भुत इरफ़ान भाई
ये तो एक युग है
जिसे आप हमारे सामने लाये हैं
बेहद शुक्रिया.
गुजरे जमाने की यादे बडी सुखद होती है..आपने हमारे साथ बाँटा है बहुत बहुत शुक्रिया एक नायाब कलेक्शन है..
गुजरा हुआ जमाना आता नही दुबारा..बढिया है।
बहुत पुरानी यादें पेश की हैं और कुछ तो मेरे लिये नई भीं, जैसे मैं पहली संगीतकार जोड़ी हुसनलाल भगत राम को मानता था. बल्कि खेमचंद प्रकाश को तो इकल्ला आदमी समझता था.
गलती पर था मैं
जनाब युनुस साब ने बहुत छोटे में गुजेरे ज़माने के म्यूजिक की मुक्कमल यादें पेश की हैं और नायब पेश की हैं.उनका और आपका मेज़बान होने के लिए शुक्रिया.
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