दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, December 30, 2008

गंदे गाने: एक श्रृंखला: आग लागे सैंया के सुरतिया...

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

इरफान भाई, आज के और कुछ अन्य गानों की रिकार्डिंग साफ नहीं है, पूरा सुनना भी कठिन हो रहा है।

Himanshu Pandey said...

यह गाना मैने सुन रखा था, इसलिये असुविधा नहीं हुई, अन्यथा सच में रिकोर्डिंग साफ़ नहीं है.