टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Friday, December 19, 2008
गंदे गाने: एक श्रृंखला...: सैंया नाहीं मुंहवा से बोले...
1 comment:
siddheshwar singh
said...
एगो चुम्मा देले जइह हो करजऊ सुना द मोर भइया!!
December 19, 2008 at 8:33 PM
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एगो चुम्मा देले जइह हो करजऊ सुना द मोर भइया!!
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