क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
वाह, पहली बार सुना |बहुत आभार इसे पेश करने का,
पहले कभी नही सुना यह भजन,मगर अच्छा लगा श्री कृष्ण के लिये यह भजन...
इरफान भाई, मैं ने भी पहली बार ही सुना इसे। लेकिन दुनियाँ का सब से मधुर संगीत प्रार्थनाओँ में ही क्यों ही मिलता है? क्या इस लिए कि यह सारी पीड़ित मानवता के आर्त स्वरों से उत्पन्न होता है?
इरफान जी, अच्छा ब्लाग है और लाइब्रेरी भी अच्छी है आपकी।
आपकी पसन्द लाजवाब है...सुब्बालक्ष्मीजी को हम सालों से सुनते आ रहे हैं और यह भजन तो दिल में गहरे तक उतरा हुआ है...सुनवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया..
भारत कोकिला सुश्री सुब्बालक्ष्मी जी की सात्विकता बेजोड है !- लावण्या
बहुत खूबसूरत!नास्तिकों को आस्तिक बना दे यह भजन! या शायद भगवान् इन शब्दों-सुरों-साजों में ही बसता है!
main samajhta tha ke tum nastik ho lekin aisa sangeet jo sune sunaye vo asal astik hua magar T series company ye na manegi.
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8 comments:
वाह, पहली बार सुना |
बहुत आभार इसे पेश करने का,
पहले कभी नही सुना यह भजन,मगर अच्छा लगा श्री कृष्ण के लिये यह भजन...
इरफान भाई, मैं ने भी पहली बार ही सुना इसे। लेकिन दुनियाँ का सब से मधुर संगीत प्रार्थनाओँ में ही क्यों ही मिलता है? क्या इस लिए कि यह सारी पीड़ित मानवता के आर्त स्वरों से उत्पन्न होता है?
इरफान जी, अच्छा ब्लाग है और लाइब्रेरी भी अच्छी है आपकी।
आपकी पसन्द लाजवाब है...सुब्बालक्ष्मीजी को हम सालों से सुनते आ रहे हैं और यह भजन तो दिल में गहरे तक उतरा हुआ है...सुनवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया..
भारत कोकिला सुश्री सुब्बालक्ष्मी जी की सात्विकता बेजोड है !
- लावण्या
बहुत खूबसूरत!
नास्तिकों को आस्तिक बना दे यह भजन! या शायद भगवान् इन शब्दों-सुरों-साजों में ही बसता है!
main samajhta tha ke tum nastik ho lekin aisa sangeet jo sune sunaye vo asal astik hua magar T series company ye na manegi.
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