Tuesday, August 26, 2008
प्यास थी फिर भी तक़ाज़ा न किया...
2 मार्च 2007. नई दिल्ली का इंडिया इंटरनेशनल सेंटर. यहाँ 88 साल पूरे कर चुके मन्ना डे रुके हैं. दूरदर्शन के सेंट्रल आर्काइव्स की डायरेक्टर कमलिनी दत्त ने योजना बनाई है कि उनके साथ एक लंबा इंटरव्यू किया जाय. इंटरव्यू मुझे और जसलीन वोरा को करना है. दिल एक ज़िम्मेदारी और ख़ुशी में धडक रहा है. सुबह के नौ बजे हैं और हम सारे तामझाम के साथ आइआइसी के लॉन में मौजूद हैं. दो कैमरे और तमाम ज़रूरी तैयारियाँ. पता चलता है कि दादा को आज के अप्वॉयंटमेंट की याद भी नहीं है. पिछली रात नेहरू पार्क में एक पर्फ़ॉर्मेंस दे चुके हैं और खुले आसमान के नीचे देर रात तक गाने से तबीयत भी कुछ अच्छी नहीं है. ये जाती हुई सर्दियों की चटख़ धूप के दिन हैं और देर होने से धूप में शूटिंग बहुत अच्छे नतीजे नहीं देगी. दादा को यह परेशानी भी है कि टीवी वाले बडे ही सतही सवाल पूछते हैं जैसे कि "दादा आपने गाना कब शुरू किया?" या "आपके फ़ेवरिट सिंगर कौन हैं?" उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि आपको बातचीत में मज़ा आएगा. दादा ने 20-25 मिनट का वक़्त दिया है.
अब देखिये कि बात शुरू होती है और दो घंटे चलती है. कोई हडबडी नहीं है दादा को और वो ख़ूब डूबकर गुज़रे ज़माने को याद करते हैं. साथ में उनकी पत्नी सुलोचना हैं जो बीच-बीच में कुछ एनेक्डोट्स भी शेयर करती हैं.
बातचीत तो आप कभी दूरदर्शन पर ज़रूर ही देख लेंगे...फ़िलहाल उसी वीडियो से ग्रैब की हुई कुछ तस्वीरें देखिये और सुनिये मन्ना डे का गाया बूट पॉलिश फ़िल्म का वो गीत जिसे आपने यूँ तो कई बार सुना होगा लेकिन ये वाला वर्ज़न अल्बम्स में कम ही मिलता है.
यहाँ मैं मन्ना डे के गुरू और सगे चाचा, फ़िल्म गायकी के पितामह, केसी डे की गाई एक दुर्लभ नात भी पेश कर रहे हैं क्योंकि केसी डे के ज़िक्र के बग़ैर मन्ना डे का ज़िक्र पूरा नहीं होता.
ऊपर के फ़ोटो में बाएं से वेद एम राव, कमलिनी दत्त, कुबेर दत्त, मन्ना डे और इरफ़ान
लपक-झपक तू आ रे बदरवा...
केसी डे की गाई एक नात
अब चूँकि प्रत्यक्षा ने फ़रमाइश कर ही दी है तो लीजिये पेश है 1974 में आई फ़िल्म आलिंगन में मन्ना डे का गाया जाँनिसार अख़्तर का लिखा और सपन जगमोहन का संगीतबद्ध किया गीत.हालाँकि मुझे लगता है कि इस गीत को अबरप्टली ही काट दिया गया है लेकिन जितना भी है, यादगार है.
प्यास थी फिर भी तक़ाज़ा न किया...
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22 comments:
'प्यास थी ..' भी सुनवा देते ..
प्रत्यक्षा! आपके लिये गीत लगा दिया है.
दूरदर्शन पर इंटरव्यू के प्रसारण की तारीख और समय बता पाएं तो बड़ा भला हो। वरना छपा हुआ ही कहीं पढ़वा दें।
manna de kaa koi sani nahi hai..
sunane ke liye bahut bahut aabhar...
मन्ना डे हमेशा से ही मेरे पसंदीदा गायक रहे हैं। एक अलग फनकार। धन्यवाद इनके नगमें सुनवाने के लिए। लेकिन ऊपर वाली तस्वीर के साथ ही टैग लगाया होता तो बेहतर था।
शुक्रिया शुक्रिया !
ये अच्छी बात नहीं है बंधुवर, शहद चटा कर छोड़ दिया। सालभर से पुरानी रिकार्डिंग जाने कब प्रसारित होगी या हुई होगी। पढ़वा ही देते।
pratyakshaa ka dhanyvaad...
इरफान भाई,
केसी डे की गाई नात सुनकर बहुत खुशी हुई -
मन्ना बाबू का पूरा इन्टरव्यु भी पोस्ट करियेगा -
एक सवाल है आपसे -
दूरदर्शन के सेंट्रल आर्काइव्स की डायरेक्टर कमलिनी दत्त जी से पूछना है , "क्या मेरे पापाजी की पुरानी रीकार्डीँग अगर मैँ हासिल करना चाहूँ तो क्या वे मिल सकेँगीँ ? उसके लिये क्या करना होगा ? "
कृपया बतलायेँ -
अग्रिम धन्यवाद के साथ ..
- लावण्या
मन्ना दा तो हमारे पसंदीदा गायकों में से है, अभी कुछ दिनों पहले ही इनका गीत सुनाया था, तेरे नैना तलाश करे जिसे, बहुत खूब, धन्यवाद इरफानजी
इरफ़ान भाई,
आज तब पढ़ी यह पोस्ट जब पूरा दिन फ़राज़ साहब के ग़म में बीता.हल्का हो गया जी.
सभी मित्रो का आभार. मन्ना डे सचमुच कमाल हैं. नितीश जी आपकी बात समझ में न आ सकी आपने लिखा है "लेकिन ऊपर वाली तस्वीर के साथ ही टैग लगाया होता तो बेहतर था।"
@ लावण्या: आपके पते पर ज़रूरी सूचना भेज दी है.
@सभी: काश कि मेरी टाइपिंग स्पीड अच्छी होती...तो ज़रूर ही इंटरव्यू को आप पढ पाते.
नितीशजी अगर आप कह रहे हैं कि "तस्वीर के नीचे" तो वो कला मुझे सिखाइये.
शुक्रिया आपका इस पेशकश के लिए.
गीत भी लाज़वाब और नात भी सुनाकर
आपने दिल जीत लिया.===========
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
अद्भुत है!
कुछ दिन पहले 50 Glorious Years of Popular Ghazals सुन रहा था
मन्ना दा की ग़ज़लें भी सुनीं
सच ऊपरवाला किसी किसी पर बहुत महरबान होता है
मन्ना दा इसकी जीती जागती मिसाल हैं
एक बेहतरीन पोस्ट के लिये धन्यवाद
बेहतरीन...अपने ब्लॉग में आपके ब्लॉग का लिंक दे रही हूं...
ab ham takazaa kar rahe hai ki blogging me laut aaye!!!
हमेशा की तरह लाजवाब
अब हम तकाजा कर रहे है जनाब कुछ कविता वैगेरह सुनाइये बडी खामोशी हो ली यहा !!
"प्यास थी" तो वाकई एकदम अनूठा है
aap ne delhi ki mulakat me kaha tha "mere bal kandho tak hua karate the", in photographs me khoob dikh raha hai.
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