टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Thursday, February 14, 2008
एक भोजपुरी वैलेंटाइन के मन की चीत्कार
वैलेंटाइन डे पर एक ख़ास पेशकश. सुनिये एक भोजपुरी युवती आज के दिन अपने प्रिय से क्या कह रही है. स्वर नीलम ग्यान का है. मोहम्मद उस्मान के लिखे गीत को संगीतबद्ध किया है के.एस.नरूला ने.
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