
ज़िया मोहीउद्दीन पाकिस्तान के मशहूर ऐक्टर और राइटर हैं.बुक रीडिंग की कला में वे इस उपमहाद्वीप में अद्वितीय हैं. उनकी दिल्ली यात्राओं के दौरान उनसे ग़ालिब के ख़ुतूत सुनकर यह भ्रम होता है कि ख़त ग़ालिब ही पढ रहे हैं.पाकिस्तान में तो उनकी यह कला बहुत प्रचलित है ही दुनिया भर में अपने इस हुनर का प्रदर्शन करते हुए वो एक जुनून से काम लेते हैं. हमारे लिये उनकी दिखाई रोशनी बडे हौसले बढानेवाली है. शेक्सपियर को उनसे सुनना एक अनुभव है.
आप भी सुनिये शेक्सपियर और मैं

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3 comments:
बहुत खूब !!!
बढ़िया आवाज़ है..और बढ़िया जानकारी मिली.. वरना शेक्सपियर पर अपनी पढ़ाई तो इल्लै..
अभय जी आप शेक्सपियर के बारे में इल्लै कह कर पीछा नहीं छुडा सकते. यह आपकी विनम्रता(पढें निर्मलता)कही जा सकती है.
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