दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, July 10, 2007

मैं अकेली नहीं हूं




मातृत्व: कुछ छवियां


पहाड की चोटियों से लेकर समुद्र तक
रात अकेली पडी हुई है
लेकिन मैं जो तुम्हारा पालना झुला रही हूं,
अकेली नहीं हूं.

समुद्र में चांद के डूब जाने के बाद
आसमान अकेला रह गया है
लेकिन मैं जो तुमसे जुडी हुई हूं,
अकेली नहीं हूं.

सारा संसार अकेला हो गया है
सब यातनाएं भुगत रहे हैं
लेकिन मैं जो अपनी गोद में
तुम्हें भरे हुए हूं अकेली नहीं हूं.

गैब्रिएला मिस्ट्राल
अनुवाद: स्नेहमयी चौधरी

2 comments:

pawan lalchand said...

bahut achchhi kavita nagi..shukriya..

pawan lalchand said...

bahut achchhi lagi..