दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Saturday, February 27, 2010

दाग़-ए-दिल-हमको याद आने लगे...

इक़बाल बानो की आवाज़ और अंदाज़




4 comments:

Ek ziddi dhun said...

kya baat hai...

VARUN said...

bahut hi khubsurat gazal hai, sunawane k liye shukriaaaaaaa

शरद कोकास said...

वाह इक़बाल बानो

Unknown said...

मोहतरमा इकबाल बानो साहिबा की गायी खूबसूरत और पुर असर गज़ल सुनवाने के लिए बहुत शुक्रिया.
एकपल में वहाँ से हम उठे
बैठने में जहाँ ज़माने लगे.