टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Thursday, March 26, 2015
मांगे की तन्हाई … (borrowed loneliness) हिन्दी में भी है क्या ??
Photo courtesy: Ashok Gupta
An urdu writer on short stories and modernity etc
OR
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