दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, January 6, 2009

गंदे गाने: एक श्रृंखला: हम गवने ना जइबे बलम रसिया...

3 comments:

अभय तिवारी said...

बहुत मीठा बहुत प्यारा.. क्या बात है!

bijnior district said...

बहुत प्यारा गीत

सतीश पंचम said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति। आज इस गंदे गाने श्रंखला के लेबल पर क्लिक कर सभी गाने एक एक कर सुन चुका हूँ।
कुछ तो वाकई ट्रक छाप है तो कुछ में लोकगीतों की कलात्मकता झलक रही है। इन गानों को इस तरह पेश करने का शुक्रिया । इन्हें सुनकर आप को लग सकता है कि किसी कस्बे से गुजर रहे हैं, या कि किसी नाई की दुकान पर बैठे हैं और नहीं कुछ तो खडंजा सडक पर कोई साईकिल पर बजनिया कोई टेप बजाता ही चला जा रहा है।

बहुत खूब।