दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Sunday, May 11, 2008

एक छोटा सा टुकडा


बरसों पहले मैंने एक डॉक्यूमेंट्री देखते हुए उससे संगीत का एक टुकडा रिकॉर्ड कर लिया था. ये मुझे अच्छा लगा था. फिल्म में कुछ मछुआरे अपनी नाव समुंदर की तरफ़ ढकेल रहे थे, पृष्ठभूमि में सूर्य अस्त हो रहा था. फिल्म शायद उडिया भाषा में थी. आपको भी सुनाता हूँ यह छोटा सा टुकडा. अगर आपके पास यह गाना पूरा हो तो बताइये और अगर नहीं हो तो बताइये इसमें गाया क्या जा रहा है?

3 comments:

मुनीश ( munish ) said...

pehle bhi sun rakha hai. kuch naya na hai kya!

दीपक said...

समझ तो नही आया लिकिन सुनकर अच्छा लगा !!

दिनेशराय द्विवेदी said...

क्या गाया जा रहा है यह तो हमें भी पता नहीं लगा। मगर गीत बहुत ही मीठा गाया है। धुन बहुत गतिमान है। काम के बाद प्रतिफल से झूम रही हो।