रेडियो रेड और क़िस्सागोई: सुनिये सियारामशरण गुप्त की एक क्लासिकल कहानी
हमारा साहित्य कई कालजयी रचनाओं से भरा पडा है. मानवता की करुण दास्तानें और उनकी निर्दोष अभिव्यक्तियों की बानगियाँ चप्पे-चप्पे पर दर्ज हैं. रेडियोरेडसमय-समय पर इन्हीं रचनाओं का महत्व और उत्सव रेखांकित करता रहता है. इसी क्रम में आज पेश है सियारामशरण गुप्त की शॉर्ट स्टोरी काकी. आवाज़ है हमारी सहकर्मी राखी की.
2 comments:
arey vaah Rakhi to kamaal karti hain bhai. ab tak kahan theen ye!
अच्छा है ।
बढिया ।
जारी रखा जाये ।
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