दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Tuesday, June 17, 2008

एक छात्र नेता, जो कि बाद में उत्तर प्रदेश में मंत्री बना, के मंत्रीत्व काल के भाषण से एक अंश


आदरणीय द्विवेदीजी, तिवारीजी, झाजी और परमादरणीय चौबेजी,

आज बहुत बडा कोस्चन खडा हो जाता है कि हमारे बीच आदर्स नहीं हैं. अतीत में हमारे आदर्स और उद्देस्य ससक्त थे. आदर्स थे बाबा-ए-कौम महात्मा गाँधी और उद्देस्य था देस की आजादी. गाँव से लगायत और दिल्ली की पंचायत तक. बहुत कम लोग होते हैं जिनके मन में दर्द,पीडा और बेदना होती है. मैं बनारस की धरती से आने का काम करता हूँ. गाँव में बडा अभाव है, अभाव दुनिया की सबसे खराब चीज है वह आदमी का स्वभाव बदल देता है. एक लाख से अधिक लोग आज सडक पर मरने का काम करते हैं. हमें सडक पर चलने की तमीज नहीं है.इसलिये यह जो सडक सुरक्षा सप्ताह मनाने का काम किया गया है, मैं तन, मन और धन से इसका समर्थन करता हूँ. धन्यवाद.

2 comments:

मसिजीवी said...

हा हा हा
ये जो नेताजी हैं इनके इस भासन को सामने रखने का जो आपने काम किया है वो सानदार काम है हम उसे प्रेज करने का काम करता हूँ।

आज बहुत बडा कोस्चन खडा हो जाता है कि हमारे बीच पर्नंसिएसन नहीं हैं. अतीत में हमारे पर्नंसिएसन और भासा ससक्त थे अब नहीं हैं।

:)

अभय तिवारी said...

लात मारते मारते भी आप ने मंत्री जी के श्रीमुख एक मार्मिक बात कहलवा ही दी- "अभाव दुनिया की सबसे खराब चीज है वह आदमी का स्वभाव बदल देता है"

नेताजी की जै.. और आप की भी..!