Tuesday, July 15, 2008
आइये आज मिलते हैं राजीव सक्सेना से!
आप अगर एफ़एम सुनते हैं तो राजीव सक्सेना का नाम आपके लिये बेहद जाना पहचाना नाम है. पुरानी दिल्ली के बाज़ार सीताराम में जन्मे राजीव आजकल एफ़एम गोल्ड पर प्रोग्राम करते हैं.वे क्रिकेट कमेंटरी, रेडियो स्पॉट्स, गणतंत्र दिवस के सीधे हाल-हवाल औए कई विशेष कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग करते हुए आपको सुनाई देते हैं. आइए सुनते हैं कि यह बोलती हुई आवाज़ क्या महज़ बोलने में यक़ीन रखती है, या सोचकर बोलती है!
1978 में आकाशवाणी पर युववाणी से शुरुआत करने वाले राजीव सक्सेना आज रेडियो के लोकप्रिय प्रेज़ेंटर हैं.
एक ज़माने के धुरंधर ब्रॉडकास्टरों- देवकीनंदन पांडे, मेल्विल डी मेलो, जयनारायण शर्मा, मिस मेहरा , सीतांशु भादुडी, पुष्पा नटराजन,देवेंद्र सक्सेना, विपिन मित्तल और गुलशन मधुर का दौर देख चुके राजीव के साथ काम करना मेरे लिये सौभाग्य की बात है क्योंकि इस तरह आप नये और पुराने का सामंजस्य करना सीखते हैं.
तो आइये शुरू करते हैं राजीव सक्सेना के पेश किये हुए एक कार्यक्रम की एक झलक से. यह विशेष कार्यक्रम विजयदीपक छिब्बर के साथ काम करते हुए राजीव ने अशोक कुमार की मृत्यु के तुरंत बाद एफ़एम गोल्ड पर पेश किया था. इसे तब विग्यान भवन में हुई एक श्रद्धांजलि सभा में भी सुनाया गया था.
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना...
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राजीव सक्सेना से बातचीत पार्ट-1
(approx 30 min)
राजीव सक्सेना से बातचीत पार्ट-2(अंत तक)
(approx 30 min)
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8 comments:
जी हम तो बहुत पहले से सुनते आये हैं। बहुत मेच्योर्ड प्रजेंटर, एफएम की लौंडहाई के दौर में भी सलीके से कायदे से बात कैसे कही जाये, यह उनसे सीखना चाहिए। राजीव सक्सेनाजी को सारे एफएम चैनलों के जौकियों का गेस्ट प्रोफेसर बनाया जाना चाहिए।
salute to rajeev sir!! he has been a great great inspiration. He is complete institution. Irfan ji thank u for this interview!
बढ़िया ईमानदार और सुरुचिपूर्ण साक्षात्कार!
आलोक पुराणिक जी का कहना सही है कि राजीव सक्सेनाजी को सारे एफ एम. चैनलों के जॉकियों का गेस्ट प्रोफ़ेसर बनाया जाना चाहिए!
अच्छा काम. जय बोर्ची!
साक्षात्कार बहुत रोचक रहा. आनन्द आया सुन कर सक्सेना जी की बहुचर्चित आवाज.
Irphanbhai
Interview with Rajivji was very good.
Nice presentation.
Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
Irphanbhai
Interview with Rajivji was very good.
Nice presentation.
Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
राजीव जी तो मुझे
इन चैनलों के विश्व विद्यालय के
कुलपति ही मालूम पड़ते है.
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सच, प्रसारण में कई बार हो रहे
बेहद सतही समझौते के दौर में
ऐसे सधे हुए आवाज़ के फ़नकार
सुकून देते हैं और भरोसा भी.
दिल से शुक्रिया आपका
इस पेशकश की खातिर
डा.चन्द्रकुमार जैन
इस पोस्ट को अधूरा पढ़कर बाद के लिए छोड़ दिया था । मुझे क्या पता था कि राजीव भाई के चले जाने के बाद उनकी यादों को इस तरह दोहराने के लिए यहां आऊंगा । इरफ़ान भाई हम चाहते हैं कि आपका ये इंटरव्यू रेडियोनामा पर राजीव को श्रद्धांजली देते हुए शाया किया जाए । राजीव का जाना बेहद विचलित कर देने वाला है ।
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