टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Tuesday, December 13, 2016
अइसन देसवा भवा है आजाद सजनी ...
गीत और स्वर:स्व. बीबी लाल, 1983 फोटो साभार :
दृष्टिकोण
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