टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Thursday, December 15, 2016
शहरों क़स्बों गाँवों को...
गाने का एक हिस्सा।
गीत और स्वर:स्व.बी.बी.लाल,1983 Photo:
Rohit Umrao
Tuesday, December 13, 2016
अइसन देसवा भवा है आजाद सजनी ...
गीत और स्वर:स्व. बीबी लाल, 1983 फोटो साभार :
दृष्टिकोण
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