टूटी हुई बिखरी हुई
क्योंकि वो बिखरकर भी बिखरता ही नहीं
दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।
Monday, August 19, 2013
नैया तेरी मझधार...
एस-जे/शैलेन्द्र
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