दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Sunday, February 3, 2013

मोहें पागल बना के जवानी में...


फ़िल्म: सैंयां मगन पहलवानी में (1983) आशा भोंसले/ अंजान/ चित्रगुप्त

1 comment:

Tamasha-E-Zindagi said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है के आपकी यह विशेष रचना को आदर प्रदान करने हेतु हमने इसे आज ३० मई, २०१३, बृहस्पतिवार के ब्लॉग बुलेटिन - जीवन के कुछ सत्य अनुभव पर लिंक किया है | बहुत बहुत बधाई |