दुनिया एक संसार है, और जब तक दुख है तब तक तकलीफ़ है।

Sunday, January 27, 2013

किरन लखनवी की लिखी 'दहीवाली' से एक हिस्सा


शांति घर से मदनचंद की तलाश में निकल ही पड़ती है क्योंकि अब उसके पास 'मदनचंद की याद ही बाक़ी रह गयी है'. मदनचंद तो कोकिला की कूक का दीवाना है. दहीवाली के दही और कोकिला के दूध की धार के बीच मदनचंद बेचारा. (गूगल की पकड़ से बाहर किरन लखनवी) Artistes:- Azim. Razia Munni Ketkiwali Neyamat Ali. Amir Chand Shekhar. Kamlesh Mushtaq. Kamlesh Mishra Ishrat Ali Sharafat Ali Writer: Kiran Lakhnavi Music: Charan ji