Thursday, May 20, 2010
उम्मीद है कि रवीश कुमार अब भी एफ़ एम गोल्ड नहीं सुन पा रहे होंगे !
रवीश कुमार ने अपना रेडियो बचाओ के अभियान पर सहमति जताते हुए फेसबुक पर कहा कि जब तक एफ़ एम गोल्ड पर काम करनेवालों को पैसे नहीं मिल जाते तब तक वो एफ़ एम गोल्ड सुनना बंद कर रहे हैं. प्रबुद्ध श्रोताओं ने हालांकि उनसे यह पूछ ही लिया कि अगर आप सहमत हैं तो एन डी टी वी पर स्टोरी क्यों नहीं करते? बहरहाल स्टोरी तो वो समय आने पर करेंगे ही फिलहाल प्रेस में आजकल आकाशवाणी की चर्चा है। देश में जनता के टैक्स के पैसे से चलनेवाला यह संगठन सही राह पर चले ... यह चिंता तो सबकी होनी चाहिए।
Thursday, May 6, 2010
गाते गाते रोएं क्यूं ...चिल्लाने क्यूं न लगें !
जब बात निकली तो शुरू में कई लोग बड़े चिंतित दिखे लेकिन अब धीरे-धीरे ज़्यादातर लोग यही साबित कर रहे हैं कि भाई हमें मत घसीटो क्योंकि हमको आल इंडिया रेडियो से अक्सर चेक लेने जाना होता है. जोर से बोलने में आज कल गले पर जोर पड़ता है.इसलिए फुसफुसाओ, बल्कि नाकियाओ.
इकबाल बानो ने फैज़ की जिस रचना को अमर बनाया है, सुनिए नजम शिराज़ ने कम कमाल नहीं दिखाया...
यहाँ
यहाँ और यहाँ भी देखें
इकबाल बानो ने फैज़ की जिस रचना को अमर बनाया है, सुनिए नजम शिराज़ ने कम कमाल नहीं दिखाया...
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