tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post9051139072642028915..comments2023-07-04T14:57:33.767+05:30Comments on टूटी हुई बिखरी हुई: आशा का गीत : गोरख पाण्डेय की रचना, उनके ही स्वर में इरफ़ानhttp://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-74404392422876356782007-11-26T15:28:00.000+05:302007-11-26T15:28:00.000+05:30विमल भाई आपसे मार्ग निर्देशन मिले तो मैं अपने कवित...विमल भाई आपसे मार्ग निर्देशन मिले तो मैं अपने कविता वाचन में सुधार करूं. कृपया लिखें.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-63290385171210964322007-11-26T12:10:00.000+05:302007-11-26T12:10:00.000+05:30पहली टिप्पणी से मै भी सहमत हूं,इसे अन्यथा ना लें,प...पहली टिप्पणी से मै भी सहमत हूं,इसे अन्यथा ना लें,पर ये सब कहने के लिये अनाम होना, कैसी मज़बूरी है !!!VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-37203191504372984462007-08-25T00:41:00.000+05:302007-08-25T00:41:00.000+05:30कविता के वाचन के लिये सबसे पहली शर्त बताई गयी है क...कविता के वाचन के लिये सबसे पहली शर्त बताई गयी है कि आपको चहिये उसे मन में बसाएं. आपने यह शर्त पूरी कर ली है-सीधे मन से निकलती हुई कविता. तेवर बनाए रखें.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-52878660322672483402007-08-25T00:35:00.000+05:302007-08-25T00:35:00.000+05:30अब तो मन कर रहा है कि मैं भी एक कविता लिखूं और आप ...अब तो मन कर रहा है कि मैं भी एक कविता लिखूं और आप ही उसे प्रस्तूत करें. बार बार .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-68921349479682732552007-08-24T23:20:00.000+05:302007-08-24T23:20:00.000+05:30बढिया इरफ़ान भाईकमाल है. आपने पेश भी अच्छी तरह किया...बढिया इरफ़ान भाई<BR/>कमाल है. आपने पेश भी अच्छी तरह किया है. कुछ और कविताएं भी सुनाइए न. मैना और दूसरी कविताएं.Reyaz-ul-haquehttps://www.blogger.com/profile/07203707222754599209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-86960080712147308292007-08-24T22:28:00.000+05:302007-08-24T22:28:00.000+05:30कहीं सुना था कि अगर कविता या कहानी सुनना है तो आप्...कहीं सुना था कि अगर कविता या कहानी सुनना है तो आप्से सुनना चाहिये. यह सुनकर तो ऐसा नहीं लगा.अच्छा पढा है आपने लेकिन जैसा मैं पढता हूं वैसा नहीं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-23246698468479281302007-08-24T19:45:00.000+05:302007-08-24T19:45:00.000+05:30बहुत बढिया रहा जनाब यह प्रस्तुतिकरण. अभी एक बार सु...बहुत बढिया रहा जनाब यह प्रस्तुतिकरण. अभी एक बार सुना है. पुनः सुनुँगा, यह भी तय जानिये. और लाईये. आभार एवं साधुवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-32963239694221544522007-08-24T19:10:00.000+05:302007-08-24T19:10:00.000+05:30Its really superb.With all nuances of modern poetr...Its really superb.With all nuances of modern poetry.Congrts.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-12162663935713129082007-08-24T19:08:00.000+05:302007-08-24T19:08:00.000+05:30बहुत बहुत साधुवाद.आप तो छुपे रुस्तम निकले?बहुत बहुत साधुवाद.आप तो छुपे रुस्तम निकले?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-89434422211472648662007-08-24T19:02:00.000+05:302007-08-24T19:02:00.000+05:30वाह!!! क्या प्रस्तुतिकरण है! ब्लॉग में शायद पहली ब...वाह!!! क्या प्रस्तुतिकरण है! ब्लॉग में शायद पहली बार। कृपया आगे भी लाएं। आपकी आवाज़ तो दूरदर्शन पर कई मर्तबा सुनी है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-86282830314064752252007-08-24T18:14:00.000+05:302007-08-24T18:14:00.000+05:30ह्म्म्म..ह्म्म्म..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-48358260118124940412007-08-24T18:12:00.000+05:302007-08-24T18:12:00.000+05:30अफ़लातून जी यह आवाज़ इरफ़ान की है. Annonymousजी अगर आ...अफ़लातून जी यह आवाज़ इरफ़ान की है. <BR/>Annonymousजी अगर आप तमीज़ सिखाएं तो मेहरबानी होगी.तरुण जी आभार.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-28722750330527838032007-08-24T18:02:00.000+05:302007-08-24T18:02:00.000+05:30मुझे यह स्वीकार करने में कोई हर्ज़ नहीं लग रहा है क...मुझे यह स्वीकार करने में कोई हर्ज़ नहीं लग रहा है कि धीरे-धीरे मैं आपके ब्लॊग का ऎडिक्ट होता जा रहा हूं. हर दिन कोई न कोई अप्रत्याशित अनुभ्व और आनंद मिलता है. आप लोगों ने जिस प्रकार की कविता प्रस्तुति की शैली विकसित की है उससे कविता पड़ने वाले लोगों को भी सीख मिलेगी. कृपया यह क्रम ज़ारे रखें.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-45733485772998088032007-08-24T17:55:00.000+05:302007-08-24T17:55:00.000+05:30वाह!वाह!वाह!कविता सुनने का ऐसा आनंद तो हमें थर्ड थ...वाह!वाह!वाह!कविता सुनने का ऐसा आनंद तो हमें थर्ड थियेटर के सक्रिय दिनों मे ही प्राप्त हुआ था.इस प्रस्तुति की अन्य कविताएं भी सुनवाएं. क्या आपने काज़ी नजरुल इस्लाम की कविताओ को भी सग्रहीत किया है? उनका भी सुनने का बड़ा आनंद है. एक बार पुनः कोटिशः धन्यवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-48093650178170301442007-08-24T16:53:00.000+05:302007-08-24T16:53:00.000+05:30कविता सुनाने के लिए धन्यवाद।आवाज किसकी है?कविता सुनाने के लिए धन्यवाद।आवाज किसकी है?Anonymousnoreply@blogger.com