tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post7182764014669377397..comments2023-07-04T14:57:33.767+05:30Comments on टूटी हुई बिखरी हुई: पहिया बदलनाइरफ़ानhttp://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-32834327668605270622007-09-25T09:55:00.000+05:302007-09-25T09:55:00.000+05:30सुबह-सुबह चाय का प्याला लेकर चिट्ठे पढ़ने का आनन्द...सुबह-सुबह चाय का प्याला लेकर चिट्ठे पढ़ने का आनन्द बढ़ता जा रहा है। <BR/>"मैं सड़क के किनारे बैठा हूं<BR/>ड्राइवर पहिया बदल रहा है" <BR/>बार-बार पढ़ने पर विवश सोच रही हूँ कि<BR/>जीवन शायद ऐसा ही है कि हम समय का बदलता पहिया<BR/>देखते रहते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं चाहे-अनचाहे।मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.com