tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post5269204169645796779..comments2023-07-04T14:57:33.767+05:30Comments on टूटी हुई बिखरी हुई: नसुडी को चाहिये नई भवानीइरफ़ानhttp://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-15894873876092008492014-05-02T00:58:35.829+05:302014-05-02T00:58:35.829+05:30कला और संगीत से प्रेम करने वाला ही इंसान से प्रेम ...कला और संगीत से प्रेम करने वाला ही इंसान से प्रेम कर सकता है और जो ऐसा कर ले समझिए कि इंसानियत का धर्म बाखूब निभा पाएगा...नसुड़ी यादव को नमन मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-1633677081253087062013-07-06T23:12:09.101+05:302013-07-06T23:12:09.101+05:30ब्राम्हणवाद की धज्जिया उडाने वाले नसुडी यादव की बि...ब्राम्हणवाद की धज्जिया उडाने वाले नसुडी यादव की बिरहा वास्तविक मे काबिले तारीफ योग्य है । ऐसे वास्तविक तथ्य देने लोग विरले ही पैदा होते है ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00144878098166603097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-64951559346932756642013-07-06T22:58:39.683+05:302013-07-06T22:58:39.683+05:30नसुडी यादव जैसे महान बिरहा गायक और समाज सुधारक एवं...नसुडी यादव जैसे महान बिरहा गायक और समाज सुधारक एवं निर्भीक ब्यक्ति विरले ही पैदा होते है ।लेकिन यह अति दुःख की बात न केन्द्र सरकार न मुलायम सरकार हि उनके नाम पर कुछ की । Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00144878098166603097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-30546898061085276072007-06-12T17:57:00.000+05:302007-06-12T17:57:00.000+05:30जिय राजा, खुस कै दिहिल.जिय राजा, खुस कै दिहिल.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/06852915599562928728noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-32534332183942782202007-06-12T16:11:00.001+05:302007-06-12T16:11:00.001+05:30बस वस्तविक कला ही नफ़रतों और विद्वेश को दूर कर सकती...बस वस्तविक कला ही नफ़रतों और विद्वेश को दूर कर सकती है. पढ़े लिखे और बाजार से प्रभावित लोगों से हम सिर्फ़ "मुजरों" कि ही उम्मीद कर सकते हैं.(कम से कम अनुभव तो यही कहते हैं). एक लोक गायक से परिचय कराने के लिये धन्यवाद.Gaurav Prataphttps://www.blogger.com/profile/03777092483108808550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-6821804677240108982007-06-12T16:11:00.000+05:302007-06-12T16:11:00.000+05:30बस वस्तविक कला ही नफ़रतों और विद्वेश को दूर कर सकती...बस वस्तविक कला ही नफ़रतों और विद्वेश को दूर कर सकती है. पढ़े लिखे और बाजार से प्रभावित लोगों से हम सिर्फ़ "मुजरों" कि ही उम्मीद कर सकते हैं.(कम से कम अनुभव तो यही कहते हैं). एक लोक गायक से परिचय कराने के लिये धन्यवाद.Gaurav Prataphttps://www.blogger.com/profile/03777092483108808550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-51761919412185769212007-06-12T14:38:00.000+05:302007-06-12T14:38:00.000+05:30देखा.. हम इनका जनबे नहीं करते थे.. अब तू जनवाय देह...देखा.. हम इनका जनबे नहीं करते थे.. अब तू जनवाय देहला त हम जान गैली..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-47598164002443687982007-06-12T13:32:00.000+05:302007-06-12T13:32:00.000+05:30नसूड़ी के प्रति के बारे में पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। उ...नसूड़ी के प्रति के बारे में पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। उनके गाए बिरहा की चर्चा रहती थी । शूद्र-चेतना के प्रसार में उनका योगदान याद किया जाएगा।<BR/>['सोहरावत हउवा' के नीचे क्या यही आलेख होना था?]अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.com