tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post4682933290399293245..comments2023-07-04T14:57:33.767+05:30Comments on टूटी हुई बिखरी हुई: अविनाश जी ने ग़ज़ल क्यों छेड़ी ? सुनिये तो सहीइरफ़ानhttp://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-55911183215993777882007-11-26T14:15:00.000+05:302007-11-26T14:15:00.000+05:30गज़ल बढ़िया है! बड़े दिनों बाद सुनी..गज़ल बढ़िया है! बड़े दिनों बाद सुनी..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1526125628988206257.post-75609265304874891852007-11-25T21:56:00.000+05:302007-11-25T21:56:00.000+05:30बहुत खूब .... एक धड़कन गज़ल बुन कर परत दर परत बहुत क...बहुत खूब .... एक धड़कन गज़ल बुन कर परत दर परत बहुत कुछ गई. अब हमारे दिल में भी एक ख्याल जुंबिश ले रहा है कि हम भी संगीत की ही आभासी दुनिया में आ जाएँ.. :)मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.com